Friends, when a person is surrounded by troubles from all sides and there is no one to help him and his hope is lost from everywhere, he feels lost, feels tired, then God from inside him And he starts losing faith in something called miracles. Because he feels that all these things can happen to someone else but not to him, because if there is God and miracles then so much trouble cannot come together with a good person. And I am passing through the same situation and thinking these days.
When we are troubled both mentally and physically, remain in tension, then at that time we are not able to move forward, our time is just passing by. And every morning we start our life with this thought that maybe today all our tension will go away, today something new will happen in our life, something good will happen. But as the day passes, time passes, our hope also ends and till the night comes, we only think that even today nothing has happened in our life. We are still there today. Even today the same tension is with us and a day passes with this disappointment.
जब हम मेंटली और फिजिकली दोनों तरफ से परेशान रहते हैं, टेंशन में रहते हैं तो उस वक्त हम आगे नहीं बढ़ पा रहे होते हैं, बस हमारा वक्त गुजर रहा होता है। और हर सुबह हम यही सोच के साथ अपनी जिंदगी की शुरुआत करते हैं कि हो सकता है आज हमारा सारा टेंशन दूर हो जाए, आज हमारी लाइफ में कुछ नया हो जाए, कुछ अच्छा हो जाए। लेकिन जैसे जैसे दिन गुजरता जाता है, वक्त गुजरता जाता है हमारी उम्मीद भी खत्म होती जाती है और रात होने तक बस हम यही सोचते हैं कि आज भी हमारे लाइफ में कुछ नहीं हुआ। हम आज भी वहीं पर है। आज भी वही टेंशन हमारे साथ है और इसी निराशा के साथ 1 दिन बीत जाती है।
किसी ने सच ही कहा है कि खुशियों की उम्र ज्यादा नहीं होती, लेकिन गम कि उम्र बहुत ज्यादा होती है। गम एक ऐसा उलझन है जिसमें जब इंसान उलझ जाए तो उसे सुुलझाते सुुलझाते बहुत वक्त गुजर जाता है और शायद उस समय वो इंसान बहुत कुछ सीखता भी है, समझता भी है, उसे एक सबक मिलती है।
जैसे जैसे इंसान का उम्र बढ़ता है वैसे वैसे उसके जीवन में कठिनाइयां भी बढ़ती जाती है। एक समय ऐसा भी आता है जब उससे हर कोई हाथ छुड़ा लेता है और उसे अपने जीवन के रास्ते खुद बनाने पड़ते हैं। उसे अपनी मुसीबतों का सामना खुद अकेले करना पड़ता है।
उम्र के इस पड़ाव पर आकर मैंने एक बात तो सीख ली है कि इस धरती पर एक अच्छे इंसान का अच्छे से रहना बहुत ही कठिन है। क्योंकि एक अच्छे और सच्चे इंसान को यहां पर कोई भी अच्छे से नहीं रहने देता है। उसके बहुत सारे दुश्मन होते हैं, उसके लिए बहुत तरह की परेशानियां होती हैं, बहुत कुछ चीजों का सामना करना पड़ता है।
इस साल के बीतते बीतते तक मैं इतनी सारी चीजें देख रही हूं कि मुझे समझ में नहीं आ रहा कि यह जीवन आखिर है क्या? और मैं जितनी भी सारी चीजें देख रही हूं, महसूस कर रही हूं, मेरे साथ हो रही है, वह सारी की सारी बहुत कठिनाईदायक है। मैं बहुत सारी प्रॉब्लम का सामना कर रही हूं, बहुत सारी तकलीफो से गुजर रही हूं जिसे मैं चाह कर भी किसी से शेयर नहीं कर सकती। मेरा मन बहुत बेचैन रहता है। समझ नही आता कि ये सारी तकलीफे दूर कब होगी।
इसी उम्मीद के साथ आज के आर्टिकल को मैं समाप्त कर रही हूं कि मेरे जीवन से भी एक दिन यह कठिनाइयां दूर होंगी और मैं आप लोगों के साथ अपनी खुशियां भी शेयर करूंगी और अगले आर्टिकल में मैं अपनी खुशियां लिखूंगी।........ धन्यवाद!
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